Mirzapur 2 Trailer Review in Hindi - मिर्जापुर 2 ट्रेलर का फुल रिव्यू
किसी मशहूर लेखक ने कहा था कि कागज पर लिखने वाले पेन में बड़ी-बड़ी जंग लड़ने वाली तलवार से भी ज्यादा ताकत होती है, ठीक है आपने लिखा हमने मान लिया बस छोटा सा सवाल अगर तलवार किस जगह बंदूक निकले तो पहेली का जवाब देने के लिए खुद मुन्ना भैया और पूरा त्रिपाठी परिवार आपके जिंदगी में वापस लौटने वाले हैं। पेन का क्या हुआ उस पर ज्यादा ध्यान ना देते हुए मुद्दे वाली बात यह है कि मिर्जापुर के चाहने वालों दिवाली साल थोड़ा जल्दी लौट आई है, क्योंकि बंदूक के पटाखों का शोर अभी से हवा में गूंजने लगा है, खुशी की बात है जब भी इतिहास में मारपीट का खून खराबे का जिक्र किया जाएगा मिर्जापुर की तस्वीर हजारों लाखों लोगों की आंखों में रोशनी बन के पूरे कमरे को अतरंगी गालियों के शोर से रोशन करते ही धोखेबाजी में लिपटा हुआ चाल सरीफ का वही पुराना खेल जिसमें इंसान की जान की कीमत कबाड़े में बिकने वाली रद्धि से ज्यादा सस्ती होती है। एक बार फिर से आपके टीवी स्क्रीन की शोभा बढ़ाने वाला है।
बस इस बार धमाका थोड़ा जोरदार होगा अपने कान के पर्दे संभाल के रखिएगा कहानी मई से शुरू होगी जहां पर पिछले सीजन का आखिरी पन्ना फाड़ दिया गया था। जब वही पुरानी है कि आज का असली हकदार कौन है, आशिकी लड़ाने का मौका इसको मिलना चाहिए कालीन भैया के पुत्र मुन्ना भैया जिन्हें पिछले सीजन में बंदूक के दम पर अपनी योग्यता का प्रमाण प्रस्तुत किया था और पूरे शहर को होली के त्योहार की तरह उनके लाल रंग में छोड़ दिया था या पागलपन और जुनून की बैलगाड़ी पर सवार होकर घूमने वाले गुड्डू भैया जो अपने भाई बबलू को खोने के बाद बदले की आग में पूरे शहर को शमशान बनाने का सपना देख रहे हैं और किंग ऑफ मिर्जापुर की कुर्सी पर अपना दावा ठोक जाते हैं। लेकिन इस पर खतरा दोगुना नहीं बल्कि 3 गुना है क्योंकि इस सीजन में दुश्मनी आर पार वाली नहीं बल्कि छुपके बार बाली स्टाइल में लड़ी जाएगी कुछ नए चाहने वाले हैं। त्रिपाठी परिवार और पंडित परिवार को अपनी शुभकामनाएं बांटना चाहते हैं बसरते मिठाई नहीं बल्कि बंदूक की गोली पैक करने की तैयारी हो रही है। खास बात यह कि जब कुरवंका भोपाल कंपाउंडर की छोरी और बंदूकों पर चलने वाली उंगलियों के दम पर गुना गया था सीजन टू में असली डंका बजेगा शैतानी दिमाग का चश्मा चालाकी और चतुराई का फील दुश्मन को सीधा नर्क के दरवाजे दिल्ली जाकर खड़ा कर देगा, देखो वैसे तो मिर्जापुर की तरह ना जाने कितने गैंगस्टर वाले शूज मार्केट में आते जाते रहते हैं, लेकिन इस शो को खास बनाते हैं इस में डाले गए इमोशन, जान कुर्बान करने वाली दोस्ती, शहर को होने वाली मोहब्बत और बेटे के लिए पिता का विनाशक वाला प्यार पूरी कहानी में जान सी डाल देता है। और सोचे जब सीजन टू में बदले जैसा चटपटा मसाला में लाया जाएगा तो उसका स्वाद अपनी चरम सीमा के पार पहुंच सकता है। लेकिन तारीफ सदस्यों के अलावा मेकर की होनी चाहिए जिन्होंने एक की सीरीज के अंदर इतने सारे टैलेंटेड की भरमार मचा दी है। ढूंढ कर निकाला मुश्किल नहीं असंभव के बराबर है पंकज त्रिपाठी से लेकर अली फजल, श्वेता त्रिपाठी से लेकर विक्रांत मेस्सी, देवेंद्र शर्मा, रसिका दुगल, सीमा चंदा राजेश सिंह और कुछ नए चेहरे सीजन कहानी में डालने वाले हैं। यह सारे ऐसे कलाकार हैं जो स्क्रीन पर छलांग मारते ही हकीकत और फ़िल्मी पर्दे का फर्क लगभग मिटा देते हैं।
शर्म आनी चाहिए बॉलीवुड की दोगली फिल्म इंडस्ट्री को जो एक तरफ अपनी साफ-सुथरी छवि दर्शाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें हवा में उछाल देते हैं और सच्चाई की मूरत बनने का नाटक किया जाता है। लेकिन हकीकत में असली टैलेंट वाले एप्स का हक छीन कर उनकी सक्सेस किसी बिना अक्ल वाले प्राणी के हाथों में थमा दी जाती है, तो नाम के पीछे लगे सरनेम के दम पर बाद में खुद को भगवान समझने की गलती कर बैठता है। दिल से शुक्रिया बोलना चाहूंगी ओटीटी प्लेटफॉर्म का जिनकी वजह से सच्चे टैलेंट के दर्शन करने का मौका हमारे हाथ लगा है।
आप लोगों को भी खूब सारा प्यार तो फाइनली बॉलीवुड के माया जाल से बाहर निकलकर कंटेंट और टैलेंट की कदर करना सीख गए हैं।
एक जोड़ी ईयर फोन और जोश को चीरती हुई आवाज को दबाने के लिए मोटा रुमाल दोनों चीजें ऑनलाइन ऑर्डर कर लेना मिर्जापुर देखते वक्त काफी जरूरत पड़ने वाली है।
फ्रॉम : फिल्मी इंडियन
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